Edited by Gopal Yadav | Aajtaklive News | Updated: 29 Jan 2024, 08:52 pm IST
New Delhi: Dehradun Expressway: लोनी, यूपी बॉर्डर से बागपत के खेकड़ा तक एक्सप्रेसवे के दूसरे चरण का निर्माण तेजी से चल रहा है। इस भाग का अधिकांश भाग एलिवेटिड है और खेकड़ा में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से सीधे जुड़ेगा। इस भाग में, जो लगभग 16 किलोमीटर लंबा है, काम तेजी से चल रहा है।
Delhi Dehradun Expressway Update: अक्षरधाम से गीता कॉलोनी तक
वर्तमान सड़क को चौड़ा करने के लिए बनाया जा रहा एक्सप्रेसवे अक्षरधाम मंदिर के सामने से शुरू होगा। एलिवेटिड कॉरिडोर गीता कॉलोनी, रमेश पार्क, शास्त्री पार्क और सिग्नेचर ब्रिज को कवर करेगा। रमेश पार्क में भी एलिवेटिड कॉरिडोर पिलर तैयार हैं। उनके ऊपर पियर कैप बनाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। गीता कॉलोनी के सामने भी पुल बनाया जाता है। पूरे समय में लगभग सत्तर प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
रमेश पार्क में भी पिलर बन रहे हैं : दिल्ली की सीमा पर एक्सप्रेसवे का अधिकांश भाग एलिवेटिड कॉरिडोर है। एलिवेटिड कॉरिडोर गीता कॉलोनी, रमेश पार्क, शास्त्री पार्क और सिग्नेचर ब्रिज को कवर करेगा। रमेश पार्क में भी एलिवेटिड कॉरिडोर पिलर तैयार हैं। पियर कैप (पिलर के ऊपर गार्डर रखना) उनके ऊपर तेजी से बनाया जाता है। कुछ क्षेत्रों में पिलर कैप भी तैयार हो गए हैं, और उसके ऊपर काम चल रहा है। इसके बाद, पुस्ता रोड से सिग्नेचर ब्रिज तक निर्माण तेजी से चल रहा है।
यूपी का अधिकांश भाग एलिवेटिड है
खेकड़ा से यूपी सीमा : रेलवे का दूसरा चरण लोनी यूपी बॉर्डर से बागपत के खेकड़ा तक बनाया जा रहा है। इसमें अधिकांश भाग एलिवेटेड है, जो खेकड़ा को सीधे उत्तरी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। इस क्षेत्र में काम करीब साढ़े 16 किलोमीटर प्रति घंटे चल रहा है। पिलर की स्थापना पूरी हो गई है। बाद में, पियर कैप 95 प्रतिशत पिलर पर बनाकर तैयार हो गया है। पिलर के ऊपर सड़क बनाने का काम भी शुरू हो गया है। नीचे सर्विस रोड और एनएच की लेन में भी सड़क चौड़ीकरण का काम चल रहा है।
25 से 30 हजार वाहनों के दबाव में कमी आएगी
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) का मानना है कि जब दिल्ली से देहरादून एक्सप्रेसवे तैयार हो जाएगा, तो दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर प्रतिदिन 25 से 30 हजार पैसेंजर पर कार यूनिट (पीसयू) का दबाव कम हो जाएगा, जो अभी मेरठ एक्सप्रेसवे से उत्तराखंड, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर तक जाते हैं। पूरी सड़क मार्च 2025 तक पूरी होनी चाहिए। मेरठ एक्सप्रेसवे पर वाहनों का दबाव कम होने में अभी बहुत समय लगेगा।
योजना की पहली दो चरण मार्च 2022 तक पूरी होनी चाहिए थी, लेकिन काम शुरू होने से पहले पर्यावरण प्रमाणपत्र मिलने में देरी हुई। पहले चरण का काम लगभग पंद्रह महीने देरी से शुरू हुआ, जबकि दूसरे चरण का काम भी लगभग ग्यारह महीने तक प्रभावित रहा। गायत्री कंपनी ने पहले दूसरे चरण का काम लिया था, जो काफी समय तक रुक गया था। इसके बाद काम को दूसरी कंपनी को सौंप दिया गया। फिलहाल, लक्ष्य को पूरा करने की तैयारी है और निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।
दिल्ली सीमा से अक्षरधाम तक राजमार्ग की स्थिति:
अक्षरधाम मंदिर से शून्य किलोमीटर, गांधीनगर-गीता कॉलोनी: 5.5 किलोमीटर, आईएसबीटी-दिलशाद गार्डन मार्ग: 7.4 किलोमीटर, खजूरी पुस्ता मार्ग: 9.5 किलोमीटर, सिग्नेचर ब्रिज मार्ग: 11.2 किलोमीटर, यूपी की सीमा-यूपी बॉर्डर से तीन किलोमीटर आगे: 17.5 किलोमीटर (टोल), मंडोला आवास विकास: 26.00 किलोमीटर,
एक्सप्रेसवे का काम दो चरणों में किया जाता है: 14.75 किलोमीटर मार्च 2024 में और 16 किलोमीटर फरवरी 2024 में पूरा होना है। वास्तविक समय साकारात्मक होने पर, कुछ और समय लग सकता है।
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