Bareilly: उत्तर प्रदेश में जमीन अधिग्रहण की धीमी गति से प्रस्तावित रिंग रोड का निर्माण चल रहा है। इस परियोजना के लिए 22 गांवों की जमीन आवंटित की जा रही है, लेकिन पिछले ढाई वर्षों में सिर्फ तीन गांवों की जमीन मिल पाई है। 19 गांवों में इसका असर बढ़ा है। इस परियोजना के अधिग्रहण में बरेली में चकबंदी प्रक्रिया बाधा डाल रही है। आइए इसके बारे में अधिक जानें।
by Gopal Yadav | Aajtaklive News | Updated: 29 Jan 2024, 05:41 pm IST
इस रिंग रोड से जुड़े 32 गांव, जो इस परियोजना से जुड़े होंगे, खुश होंगे। लेकिन इसके साथ ही 19 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया में बाधाएं आ रही हैं, जिससे परियोजना का निर्माण देरी से हो रहा है।
Bareilly ring road:
रिंग रोड के लिए 22 गांवों की जमीन ली जा रही है, लेकिन ढाई वर्षों में सिर्फ तीन गांवों की जमीन के अधिग्रहण का ब्योरा बनाया गया है। रिंग रोड का निर्माण अधर में फंसा हुआ है क्योंकि बाकी 19 गांवों में से एक में चकबंदी प्रक्रिया में बाधा आई है।
वर्तमान स्थिति में, एनएचएआई की जमीन अधिग्रहण कमेटी ने परियोजना को मंजूरी दी है, लेकिन कार्य तेजी से नहीं हो रहा है। इस प्रकार, जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में रुकावटों के कारण परियोजना का निर्माण देरी से हो रहा है।
NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने कहा कि अधिकारियों को जमीन अधिग्रहण की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया गया है और प्रक्रिया जारी है। काम शुरू करने के लिए कम से कम 80 प्रतिशत जमीन मिलनी चाहिए।
अपर जिलाधिकारी न्यायिक एवं विशेष भूमि अध्यापित अधिकारी ने बताया कि मंडलायुक्त ने 22 गांवों में से एक की चकबंदी प्रक्रिया में बाधा दूर करने के लिए एसओसी को आदेश दिए हैं। शेष 21 गांवों में से तीन गांवों का ब्योरा एनएचएआई को भेजा गया था, लेकिन अभी तक जमीन नहीं मिली है।